Networking Unit-1

 

यूनिट एक
नेटवर्किंग एक परिचय (Introduction to Networking)
अध्याय का उद्देश्य ( Chapter's Objectives)


                                   इस अध्याय के अध्ययन के पश्चात आप इस योग्य हो जायेंगे की |
  •  कंप्यूटर नेटवर्क को परिभाषित कर सकेंगे ;
  •  नेटवर्क के प्रयोग के लाभों की विवेचना कर सकेंगे ;
  •  लोकल एरिया नेटवर्क अर्थात (LAN) और वाइड एरिया नेटवर्क अर्थात (WEN) का वर्णन कर सकेंगे और   इन दोनों में अंतर स्पष्ट कर सकेंगे ;
  •  नेटवर्क के प्रकारों यथा पीयर-टू-पीयर नेटवर्क और सर्वर आधारित नेटवर्क को समझ सकेगे;
  •  सर्वर के प्रकायो (Functions) का उल्लेख कर सकेगें ;
  •  विभिन्न नेटवर्क टोपोलॉजी और उनमे भिन्नताओ की विवेचना कर सकेंगे ;
  •  प्रत्यके टोपोलॉजी के लाभों और दोषों का वर्णन कर सकेंगे ;
  •  किसी नेटवर्क की स्थापना हेतु यथोचित टोपोलॉजी का निर्धारण कर सकेंगे |

1.1-नेटवर्किंग की अवधारणा (Concept of Networking)

नेटवर्किंग की अवधारणा लम्बे समय से प्रयुक्त होती चली आ रही है | ‘नेटवर्क’ को एक इंटरकनेक्टेड सिस्टम
कहा जा सकता है, जिसमे उस सिस्टम के सभी घटक एक साथ मिलकर परन्तु स्वतंत्र रूप से कार्य करते है; उदहारणस्वरुप, टेलीविजन ब्राडकास्टिंग नेटवर्क, सेलुलर फोन नेटवर्क, कोरियर नेटवर्क इत्यादि |

जहाँ तक ‘कम्प्यूटर नेटवर्क’ का सवाल है तो इसे इस तरह परिभाषित किया जा सकता है  ‘एक ऐसा सिस्टम जिसमे अनेक इन्डिपेन्डेन्ट कम्प्यूटर, डेटा और पेरिफेरल्स यथा, हार्ड डिस्कस प्रिंटर्स इत्यादि को शेयर करने के लिए आपस में जुड़े होते है’ इस परिभाषा में प्रमुख शब्द शेयर है| वास्तव में कम्प्यूटर नेटवर्किंग का उद्देश्य किसी संस्था के साफ्टवेयर और हार्डवेयर संसाधनो तथा डेटा को शेयर करना होता है | सूचनाओ को प्रभावशाली और सुविधाजनक  तरीके से शेयर करने के योगता ही कंप्यूटर नेटवर्किंग को बल देता है |

प्राथमिक स्तर पर एक साधारण कंप्यूटर नेटवर्क दो कंप्यूटरों से निर्मित होता है, जो आपस में एक तार अर्थात केबल से जुड़े होते है, जो उनके बीच डेटा को शेयर करने की अनुमति देता है आज के जटिल और (Sophisticated) कंप्यूटर नेटवर्को का प्रादुभार्व इसी साधरण कंप्यूटर नेटवर्क से हुआ है | यधपि, एक तार के माध्यम से दो कंप्यूटरों को जोड़ना असाधार नहीं लगता; परन्तु यह संचार में एक बड़ी उपलब्धि साबित हुई |

वांछित समय में डेटा को शेयर करने की आवश्यकता के कारण ‘‘कम्प्यूटर नेटवर्किंग’’ का अभ्युदय हुआ| विदित हो की पर्सनल कम्प्यूटर्स (PCs) डेटा को बड़ी मात्रा में तेजी से प्रोसेस(process)और मेनिपुलाते(manipulate) कर सकते हैं| कम्प्यूटर नेटवर्को के प्रादुर्भाव से पूर्व यूजरों को अपने डाक्युमेंटस(documents) अर्थात प्रलेखो को अन्य युजरों द्वारा एडिट(edit)या उपयोग करने के लिए उन्हें प्रिंट करने की आवश्यकता होती थी; साथ ही किसी डाक्यूमेंट में किये गये परिवर्तनों(changes) को पुनः नए सिरे से फीड(feed)करने की आवश्यकता होती थी| इस तरह के इन्वायरमेंट(environment)को “वोर्किंग इन स्टैंड-एलोन  एनवायरमेंट”(“working in a stand-alone environment”)कहा जाता था/है|

स्टेंण्ड एलोन इनवायमेंट

[चित्र संख्या1.1देखे|] परन्तु जब कंप्यूटरो और अन्य डिवाइसों को चित्र संख्या1.2 के अनुसार आपस में जोड़ा जाता है तो ये एक “नेटवर्क” का निर्माण करते हैं| कंप्यूटरो का ऐसा संयोजन जो उन्हें आपस में संसोधन(resources)को शेयर को अनुमति देता है, की अवधारणा(concept)को “नेटवर्किंग” कहा जाता है| 


1.2 कम्प्यूटर नेटवर्क का प्रयोग क्यों करे? (why use a computer network?)

आज के पर्सनल कम्प्यूटरो(PCs)की प्रोसेसिंग क्षमता और सहज उपलब्धता होने के कारण, आप यह प्रश्न पूछ सकते है कि कम्प्यूटर नेटवर्को की आवश्यकता क्यों होती है| इसका उत्तर यह है की नेटवर्क किसी संस्था की कार्यक्षमता को बढ़ाते है और लागत को घटाते है| कम्प्यूटर नेटवर्क्स (computer networks) इन उद्देश्यों को निम्नलिखित तीन साधनों में हासिल करते है:

  • इन्फार्मेशन या डेटा को शेयर करके;
  • हार्डवेयर और साफ्टवेयर को शेयर करके;
  • एडमिनिस्ट्रेशन(administration) और सपोर्ट(support)को सेन्ट्रलाइज(centralize)अर्थात केन्द्रीभूत करके| वे कम्प्यूटर जो किसी नेटवर्क से जुड़े होते है, उस नेटवर्क में निम्नलिखित को शेयर कर सकते है:
  • हार्ड-डिस्को  (HARD-DISKS)
  • प्रिंटर्स  (PRINTERS)
  • माडेम्स(MODEMS)
  • फैक्स मशीन  (FAX MACHINES)
  • CD-ROM ड्राइव और रिमुवेबल ड्राइव   (REMOVABLE DRIVE),जैसे जिप ड्राइव (ZIP DRIVE) जैग ड्राइव  (JAZ DRIVER)
  • प्रलेखों  (documents) जैसे इन्वायसेस  (invoices),स्प्रेडशीट्स  (spreadsheets), मेमो  (memo) इत्यादि|
  • वर्ल्ड-प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर  (World-processing software)
  • प्रोजेक्ट-ट्रेकिंग सॉफ्टवेर   (Project- tracking software)
  • डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम/सॉफ्टवेर  (Database management system software )
  • इमेज,आडियो और विडियो फाइलें  (Image, audio and video files)|

1.2.1 डेटा या इन्फोर्मेशन की शेर्यरिंग(Sharing of Data or information)

नेटवर्किंग टेक्नोलोजी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कम से कम लागत में तेजी से सूचनाओ को शेयर की सुविधा देती है| उदहारणार्थ, इन्टरनेट का ई-मेल सर्विस इन्टरनेट के यूजरों द्वारा प्रयोग किया जाने वाला सर्वाधिक लोकप्रिय सर्विस(service)है| सूचनाओ को शयेर करने के लिए उपलब्ध करा कर, नेटवर्क पेपर आधारित संचार(paper-based communication) की आवश्यकता को कम करते हैं और प्रत्येक यूजर को एक साथ विभिन्न प्रकार के डेटा को उपलब्ध(यूजरों की आवश्यकतानुसार) कराते हैं| 

1.2.2 हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की शेयरिंग(sharing of hardware software)

कम्प्यूटर नेटवर्क के अभ्युदय से पूर्व योजरो को अपने-अपने प्रिंटर, प्लाटर(plotter) और अन्य पेरीफेरल्स की आवश्यकता पड़ती थी| प्रिंटर को शयेर करने का एकमात्र तरीका यह था की प्रत्येक योजर को उस कम्प्यूटर के फ्री होने की प्रतीक्षा करनी पड़ती थी, जो प्रिंटर से जुड़ा होता था| चित्रे संख्या-1.3 में एक स्टेण्ड- एलोन वर्कस्टेशन को प्रिंटर से युक्त दर्शाया गया है|

नेटवर्क अनेक यूजरों को एक साथ डेटा और पेरिफेरल डिवाइसों को शेयर करने की सुविधा देता है| यदि अनेक यूजरों को किसी प्रिंटर का प्रयोग करने की आवश्यकता होती है, तो वे नेटवर्क में उपलब्घ (इंस्टाल) प्रिंटर का प्रयोग कर सकते है| चित्र संख्या 1.4 में एक नेटवर्क इनवायरमेंट को दर्शाया गया है, जिसमे चार वर्कस्टेशन(कम्प्यूटर) एक प्रिंटर को शेयर करते है|

कम्प्यूटर नेटवर्कों का प्रयोग न केवल
अप्लीकेशन्स
(applications) जैसे, वर्ड-प्रोसेसर्स(word-processors), स्प्रेडशीट्स(spreadsheets),इन्वेन्ट्री डाटाबेस(inventory database) इत्यादि को शेयर करने के लिए किया जा सकता है, वरन इन्हें       (standardize)करने के लिए भी किया जा सकता है;ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नेटवर्क के प्रत्येक यूजर एक समान एप्लीकेशन्स(same applications) और उनके एक समान संस्करणों(same versions of those applications)का प्रयोग कर रहे है| इससे डॉक्युमेंट्स को शेयर करने में आसानी तो होती है;साथ ही यूजरों को किसी एप्लीकेशन के एक ही संस्करण की प्रशिक्षण देने की आवश्यकता होती है| 

1.2.3 एडमिनिस्ट्रेशन और सपोर्ट को सेंट्रलाइज करना(centralizing administration and Support)

नेटवर्किंग कंप्यूटरो के एडमिनिस्ट्रेशन को सेंट्रलाइज करता है| विदित हो एक ही ढंग से सभी कंप्यूटरो को सेट-अप करने और उन पर भिन्न-भिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम या ऑपरेटिंग सिस्टम के भिन्न संस्करणों को सपोर्ट करने की अपेक्षा सुविधाजनक होता है| 

Post a Comment

1Comments

Please don't spam comments Thank You.

Post a Comment